Please note, this is a STATIC archive of website technosmarter.com from 20 Jul 2022, cach3.com does not collect or store any user information, there is no "phishing" involved.
 

HTML in Hindi | Tutorials


HTML एक document डिज़ाइन language हैं । HTML की फुल फॉर्म Hypertext Markup langauge । HTMLएक सिंपल language हैं । यह कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नहीं हैं । HTML को सीखना बहुत सरल हैं ।

साधारण Hindi भाषा में कहे तो जब कोई यूजर ब्राउज़र पर कोई वेबसाइट ओपन करता हैं तो वह वेबसाइट ब्राउज़र पर दिखने लगती हैं । जो भी ब्राउज़र पर दीखता हैं वो HTML के द्वारा दीखता हैं । प्रोग्रामिंग कभी भी ब्राउज़र पर नहीं दिखती हैं जबकि HTML ब्राउज़र पर दिखती हैं ।


जब कोई क्लाइंट ब्राउज़र के द्वारा कोई request सर्वर के पास भेजता हैं तो सर्वर उस request को verify करके उसे request से रिलेटेड डाटा को HTML में कन्वर्ट करके ब्राउज़र पर show हो जाता हैं । बिना HTML लैंग्वेज के ब्राउज़र पर कुछ भी डिस्प्ले नहीं होता हैं ।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और हटम्ल language में इतना फर्क हैं की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज केवल backend में काम करती हैं जबकि हटम्ल लैंग्वेज के द्वारा frontend बनाया जाता हैं ।
HTML के साथ प्रोग्रम्मिंग language ,जावा स्क्रिप्ट और CSS डिज़ाइन का उपयोग किया जा सकता हैं जिस से वेबसाइट के पेज के behavior पर असर पड़ता हैं ।

HTML को किसने develop किया हैं ।

हटम्ल का डेवलप Tim Berners-Lee के द्वारा किया गया हैं । हटम्ल को वेबसाइट पर डाटा को डिस्प्ले करने के लिए किया गया था जो की आज के टाइम में बहुत ज्यादा use किया जाता हैं ।

हटम्ल लैंग्वेज को कब develop किया गया -

वैसे तो हटम्ल के कई version अभी तक आ चुके हैं परन्तु HTML का पहले वर्शन की शुरुआत 1991 से हुई थी ।

हटम्ल के उपयोग -


HTML का उपयग वेबसाइट के स्ट्रक्चर को बनाने के लिए किया जाता हैं ।HTML language के द्वारा वेबसाइट के ढांचे को तैयार किया जाता हैं । हटम्ल एक डॉक्यूमेंट langauge हैं जिसके द्वारा वेब डॉक्यूमेंट पेज को बनाया जाता हैं । HTML के साथ CSS का use करके वेबसाइट को डिज़ाइन किया जाता हैं और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के द्वारा बैकेंड के logic किये जाते हैं जैसे PHP प्रोग्रामिंग

HTML कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नहीं हैं ये तो सिंपल एक डॉक्यूमेंट लैंग्वेज हैं जिसके द्वारा वेब पेज को बनाया जाता हैं जो भी ब्राउज़र पर डिस्प्ले होता हैं वो सब HTML का पार्ट होता हैं ।


HTML के versions -


HTML के बहुत सारे versions अब तक आ चुके हैं । HTML के शुरुआती version में इतने सारे फीचर्स नहीं थे परन्तु धीरे धीरे नए version में अलग अलग नई फीचर को लाया गया ।
पहले HTML कोड लिखने में भी बहुत परेशानी होती थी पर धीरे धीरे कोड को भी सरल किया गया हैं

निचे कुछ वर्शन दिए गए हैं -

HTML - HTML का इसे सबसे पहला version कहते हैं जो 1991 में लांच किया गया ।
इस version के बारे में आजकल नहीं पता हैं पर इस version में बहुत खामिया थी जिसके कारण नई नई version आते रहे हैं । नई version में इन खामियों को दूर किया गया और बहुत सरल किया गया ।
ये HTML सिखने का शुरुआती दौर था जब इसमें इतना कुछ नहीं था बस सिंपल टेक्स्ट tag थे ।


HTML 2.0 - इस version को November 24, 1995 में में लाया गया । जब कोई नया version आता हैं तो उसमे पहले वर्शन के सभी फीचर्स और नए फीचर्स को ऐड किया जाता हैं।
इसे हम inheritance कहते हैं । जिसका मतलब हैं पुराने फीचर्स के साथ कुछ अलग नई फीचर को ऐड करना । ऐसे ही HTML2.0 में HTML 1.0 के फीचर्स भी और कुछ नए फीचर्स भी ऐड किये गए ।


HTML 3.0-
अधिक से अधिक लोग अब HTML गेम में शामिल हो रहे थे। इस version में इतनी ज्यादा खूबी नहीं थी क्युकी ये version में ब्राउज़र में अच्छे से डिस्प्ले नहीं हो पता था ।
इस वर्शन में टैग को दोहराने की कोसिस की गयी ताकि कुछ अच्छा हो जाये परतु यह अन्य browser के लिए compatible नहीं रहा ।

HTML 3.2-- HTML version 3.2 का निर्माण 1997 को हुआ इस समय इसमें अलग तरह के कामो के लिए tags को जोड़ा जा रहा था । HTML को सही दिशा में विकसित करने के लिए w3c (वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम) का निर्माण 1994 किया गया ।
उनका पहला काम कोड नाम WILBUR था, और बाद में »HTML 3.2 के रूप में जाना जाने लगा । January 1997 तक इसमें हुई दिक्कतों को दूर किया गया और जल्द ही सभी ब्राउज़र इसको सपोर्ट करने लगे ।

HTML 4.01 - HTML4.01 का निर्माण 1999 में किया गया । इस version में बहुत सारे टैग को जोड़ा गया जिस से एक वेबसाइट पेज को बनाया जा सकता हैं । इसमें CSS को भी use किया गया । CSS की फुल फॉर्म हैं cascading stylesheet । HTML से वेबसाइट का निर्माण करके CSS के द्वारा उस website को डिज़ाइन किया जाता हैं । वेबसाइट को attractive बनने के लिए CSS का use किया जाता हैं इसकी शुरुआत HTML 4.01 से हुई थी ।
इस version में काफी चेंज किये गए और वर्शन को standardize किया गया जिस से आसानी से ब्राउज़र पर ओपन किया जा सके ।
ये version काफी interesting था इसके पहले के वर्शन को अगर देखे तो । क्युकी इसी में CSS का use किया गया ।

Xhtml- Year 2000 में Xhtml को लाया गया । ये एक अलग तरह की coding हैं । Xhtml में XML और HTML दोनों मिक्स हैं । XHTML में कई नए या पदावनत किए गए टैग और विशेषताएँ नहीं थीं, लेकिन कुछ चीजें बढ़ी पहुंच और कार्यक्षमता के नज़रिए से बदल गईं। यह मुख्य रूप से कोडिंग नियमों का एक नया सेट है। Xhtml की फुल फॉर्म हैं EXtensible HyperText Markup लैंग्वेज ।

HTML 5 - हटम्ल का यह वर्शन 2014 में आया था -
HTML 5 अभी तक का मोस्ट एडवांस वर्शन माना जाता हैं जिसमे बहुत सारे नए फीचर्स को ऐड किया गया हैं ।
HTML 5 में कुछ ऐसे ऐसे फीचर्स को ऐड किया गया जो पहले वर्शन में ऐड भी नहीं थे ।
HTML 5 को बहुत सिंपल बनाया गया HTML 4.01 में जो भी खामिया थी वो HTML5 में दूर की गयी ।
HTML 5 में ग्राफ़िक ,ऑडियो ,वीडियो ,canvas, मेथड्स आदि ऐड किये गए इसके बारे में आप यहाँ पर पूरा पढ़ सकते हैं - HTML 5 के features हिंदी में

HTML का एक सिंपल कोड -

<!DOCTYPE>
<html>
<head>
<title>Web title is here</title>
</head>
<body>
Main content is here -(Container )
</body>
</html>

HTML को किसी भी text एडिटर notepad में लिखा जा सकता हैं । कोड करने के बाद HTML फाइल को ,HTML extension के द्वारा सेव किया जाता हैं जिस से उस फाइल को ब्राउज़र पर देखा जा सके ।
जैसे- mypage.html
hello.html

HTML को सीखना बहुत ही आसान हैं । यहाँ पर सभी HTML tutorials से आप HTML को कम्पलीट और आसनीं से सिख पाएंगे वो भी बिलकुल Hindi में ।


Please Share

Recommended Posts:-